shiv chalisa lyrics in gujarati pdf - An Overview
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अर्थ- जो कोई भी धूप, दीप, नैवेद्य चढाकर भगवान शंकर के सामने इस पाठ को सुनाता है, भगवान भोलेनाथ उसके जन्म-जन्मांतर के पापों का नाश करते हैं। अंतकाल में भगवान शिव के धाम शिवपुर अर्थात स्वर्ग की प्राप्ति होती है, उसे मोक्ष मिलता है। अयोध्यादास को प्रभु आपकी आस है, आप तो सबकुछ जानते हैं, इसलिए हमारे सारे दुख दूर करो भगवन।
कार्तिक श्याम और गणराऊ। या छवि को कहि जात न काऊ॥
त्रिपुरासुर सन युद्ध मचाई। सबहिं कृपा कर लीन बचाई॥
प्रगट उदधि मंथन में ज्वाला। जरे सुरासुर भये विहाला॥
महाबीर बिक्रम बजरंगी। कुमति निवार सुमति के संगी।।
प्रगट उदधि मंथन में ज्वाला। जरे सुरासुर भये विहाला॥
नमो नमो जय नमः शिवाय। सुर ब्रह्मादिक पार न पाय॥
शिव भजन
वस्त्र खाल बाघम्बर सोहे। छवि को देखि नाग मन मोहे॥
अर्थ: हे अनंत एवं नष्ट न होने वाले अविनाशी भगवान भोलेनाथ, सब पर कृपा करने वाले, सबके घट में वास करने वाले शिव शंभू, आपकी जय हो। हे प्रभु काम, क्रोध, मोह, लोभ, अंहकार जैसे तमाम दुष्ट मुझे सताते रहते हैं। इन्होंनें मुझे भ्रम में डाल दिया है, जिससे मुझे शांति नहीं मिल पाती। हे स्वामी, इस विनाशकारी स्थिति से मुझे उभार लो यही उचित अवसर। अर्थात जब मैं इस समय आपकी click here शरण में हूं, मुझे अपनी भक्ति में लीन कर मुझे मोहमाया से मुक्ति दिलाओ, सांसारिक कष्टों से उभारों। अपने त्रिशुल से इन तमाम दुष्टों का नाश कर दो। हे भोलेनाथ, आकर मुझे इन कष्टों से मुक्ति दिलाओ।
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हनुमान चालीसा लिरिक्स
आप जलंधर असुर संहारा। सुयश तुम्हार विदित संसारा ॥
अंग गौर शिर गंग बहाये। मुण्डमाल तन क्षार लगाए॥